मन्जू बाला, अरूण कुमार
प्रस्तुत शोध अध्ययन का उद्देश्य सरकारी विद्यालयों एवं सरस्वती विद्या मन्दिर विद्यालयों के माध्यमिक स्तरीय विद्यार्थियों की संवेगात्मक परिपक्वता का तुलनात्मक विश्लेषण करना है। अध्ययन में मेरठ जनपद के सरकारी और सरस्वती विद्या मन्दिर विद्यालयों में सत्र 2022दृ23 में अध्ययनरत कक्षा 10 के विद्यार्थियों को शोध जनसंख्या के रूप में लिया गया। संवेगात्मक परिपक्वता का अर्थ उस प्रक्रिया से है जिसमें व्यक्ति अपने व्यवहार, विचार, एवं भावनाओं को संतुलित रूप से व्यक्त करने की क्षमता विकसित करता है। शोध में वर्णनात्मक विधि का उपयोग किया गया तथा डॉ॰ यशवीर सिंह एवं महेश भार्गव द्वारा निर्मित संवेगात्मक परिपक्वता मापनी से आँकड़े संकलित किए गए।
परिणामों से स्पष्ट हुआ कि सरकारी विद्यालयों की तुलना में सरस्वती विद्या मन्दिर के माध्यमिक स्तरीय छात्रों की संवेगात्मक परिपक्वता का स्तर अधिक पाया गया। कला वर्ग में ‘टी’ मान 6.055 तथा विज्ञान वर्ग में 2.815 पाया गया जो 0.05 स्तर पर सार्थक है। यह निष्कर्ष इस तथ्य की पुष्टि करता है कि विद्यार्थियों की संवेगात्मक परिपक्वता उनके विद्यालयों के स्वरूप से प्रभावित होती है।
अध्ययन से यह भी ज्ञात हुआ कि सरस्वती विद्या मन्दिर के विद्यार्थियों की परिपक्वता अपेक्षाकृत अधिक अस्थिर है तथा सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों में भावनात्मक स्थिरता अधिक पाई गई। शोध के शैक्षिक निहितार्थों के अनुसार भविष्य में इस प्रकार के अध्ययन प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों पर भी किए जा सकते हैं। साथ ही, संवेगात्मक विकास के लिए परिवार एवं विद्यालय में लोकतांत्रिक एवं सहायक वातावरण का निर्माण आवश्यक है।
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