रवि शंकर, शुभम अग्रवाल और कुलदीप कुमार त्यागी
वी॰डी॰ सावरकर जिन्होंनेे रत्नागिरि में सन् 1923 में ऐतिहासिक पुस्तक ‘हिन्दुत्व‘ ख्1, की रचना की थी, एक अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी तथा क्रांतिकारी होने के साथ-साथ एक राजनीतिक.सामाजिक विचारक भी थे।
हिन्दू.महासभा के अध्यक्ष पद पर लगातार सात बार रहते हुए उन्होंने हिन्दू-राष्ट्र के दर्शन को न केवल अत्यंत समृद्ध बनाया बलिक स्वतंत्र भारत में स्वतंत्र नागरिक जिस प्रकार का जीवन-यापन करें तथा उनके अधिकार एवं कत्र्तव्य क्या हो इसकी परिकल्पना भी उन्होंने प्रस्तुत की। अंततः उनकी परिकल्पना ‘हिन्दुस्थान फ्री स्टेट‘ नामक दस्तावेज के रूप में फलीभूत हुई।
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