संजय कुमार, देवी प्रसाद
वर्तमान परिदृश्य में सोशल मीडिया लोगों के जीवन का अहम हिस्सा व जरूरत बन गया है। यह समाचार, फोटो, वीडियो, सूचना, डाॅक्यूमेण्टस आदि को त्वरित आॅनलाइन फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाटसअप, चैट जीपीटी, यूट्यूब, लिंक्डइन आदि प्लेटफाॅम्र्स के माध्यम से साझा करने का सशक्त माध्यम है। 1990 के दशक में जियोसिटीज, क्लासमेट्स डाॅट काॅम और सिक्स डिग्रीज डाॅट काॅम प्लेटफाॅर्म के साथ सोशल मीडिया की शुरुआत हुई। जुलाई 2024 तक विश्व में 5.45 बिलियन इंटरनेट पर सक्रिय उपभोक्ता थे, जिनमें से 5.17 बिलियन सोशल मीडिया यूजर्स हैं, जो विश्व की कुल जनसंख्या का 63.7 प्रतिशत है। जनवरी 2024 में भारत में 462 मिलियन सोशल मीडिया यूजर्स थे, जो कुल जनसंख्या का 32.2 प्रतिशत है। सोशल मीडिया के समाज पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों की बात की जाए तो आधुनिक दौर में यह अभिव्यक्ति की आजादी का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। इसके माध्यम से भ्रष्टाचार के विरुद्ध, निर्भया व इसके जैसी कई औरतों को न्याय दिलवाने के लिए, मी टू, बहुजन क्रांति, ब्लैक लाइव्स मैटर, ैजवच थ्नदकपदह भ्ंजमए पर्यावरण जागरूकता आदि आन्दोलन चलाए गए, जो काफी चर्चित व सफल रहे। इसी के साथ सोशल मीडिया नेे शिक्षा को आसान व सुलभ बना दिया है, जिसके सकारात्मक परिणाम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। सोशल मीडिया आज व्यापार का मजबूत प्लेटफार्म बन कर उभरा है। 2024 में सोशल मीडिया मार्केट 251.45 बिलियन अमेरिकी डालर तथा विद्यापन मार्केट 226.73 बिलियन अमेरिकी डालर है। समाज पर सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभावों के साथ ही नकारात्मक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।ध्रुवीकरण, साइबरबुलिंग, गलत सूचना का प्रसार, ए आई व डीपफैक तकनीक, डिजीटल अरेस्ट आदि मानव समाज के लिए गंभीर चुनौती बनकर उभरे हंै। यदि डिजिटल जागरूकता, शिक्षा के साथ ही सावधानीपूर्वक इसका उपयोग किया जाए तो सोशल मीडिया विचार अभिव्यक्ति व सूचना संप्रेषण का एक बेहतरीन माध्यम है।
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