सरिता
यह शोध लेख स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले सामाजिक अध्ययन विषय के संबंध में है। इस शोध लेख में सामाजिक अध्ययन की विषयवस्तु के चयन, शिक्षण, मूल्यांकन इत्यादि का विवेचनात्मक अध्ययन किया गया है। इस शोध में सामाजिक अध्ययन कैसा विषय है, इसमें किन-किन अनुशासनों का समावेश होता है, इसकी वर्तमान में सार्थकता क्या है, इत्यादि महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं का अध्ययन किया गया है। इसके अन्तर्गत विभिन्न विद्वानों जिनका समग्र शिक्षा जगत से संबंध रहा है उनके दृष्टिकोणों का विवेचनात्मक अध्ययन करने के साथ-साथ, छम्च् 2020 में क्या संभावनाएँ हैं इसका भी अध्ययन किया गया है। इस शोध लेख में निष्कर्ष रूप में पाया गया कि सामाजिक अध्ययन अन्य कई अनुशासनों से विषयवस्तु ग्रहण करता है तथा इसकी इतिहास की विषयवस्तु पर विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत हैं। इस विषय की उपादेयता समसामयिक संसार में आज भी बनी हुई है। देश में राष्ट्रीयता, स्वाभिमान, देशभक्ति, स्वावलंबन जैसे गुणों को विद्यार्थियों और भविष्य मे नागरिकों में विकसित करने में इस विषय का महत्त्व सर्वाधिक है।
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