धर्मपाल
राजस्थान, जिसे वीरों की भूमि कहा जाता है, अपने गौरवशाली इतिहास, राजसी परंपराओं और स्थापत्य चमत्कारों के लिए विश्वविख्यात है। यहाँ स्थित किले न केवल स्थापत्य कला की उत्कृष्ट मिसाल हैं, बल्कि वे ऐतिहासिक और सैन्य दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथंभौर, जैसलमेर, जालौर और मेहरानगढ़ जैसे किले विभिन्न कालों में न केवल सुरक्षा के प्रमुख केंद्र रहे, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी उन्होंने दुश्मनों की सेनाओं को चुनौती दी। इन किलों की भौगोलिक स्थिति, मजबूत निर्माण प्रणाली, जल संरचनाएँ, ऊँचाई और दुर्गम दीवारें इन्हें अपराजेय बनाती थीं। अनेक किलों ने मुगल, तुर्क, पठान और ब्रिटिश हमलों का वीरता से सामना किया और राजस्थान के शौर्य, बलिदान और आत्मगौरव के प्रतीक बने। यह शोध-पत्र राजस्थान के प्रमुख किलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उनकी सैन्य संरचना, युद्धकालीन उपयोगिता और राजनीतिक महत्ता का विश्लेषण करता है। साथ ही, यह भी स्पष्ट करता है कि कैसे ये किले राजपूताना की रक्षात्मक नीति के केंद्रबिंदु थे और आज सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भारतीय इतिहास की अमूल्य संपदा हैं।
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