सुनीता रानी
अंचल एक विशिष्ट भूखंड का बोधक है और इस प्रकार के उपन्यासों में जन-जीवन का समग्र बिम्बात्मक चित्र किया जाता है। आँचलिकता की सिद्धि के लिए उपन्यासकार उस अंचल विशेष की आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक चेतना का तटस्थ-निस्संग और यथातथ्य चित्रण करता है। ऐसे उपन्यासों में चित्रित अंचल ही नायक का रूप धर लेता है और ऐसे उपन्यासों की रचना के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि उपन्यासकार उस अंचल विशेष का जिसका वह अपने उपन्यास में चित्रण करना चाहता है प्रत्यक्ष दर्शन करे तभी वह उस अंचल की चेतना को उजागर करने में सफल हो सकेगा। प्रस्तुत शोध पत्र में फणीश्वरनाथ रेणु के मैला आँचल उपन्यास में वर्णित ग्रामीण परिवेश का यथार्थ चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
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