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International Journal of Social Science and Education Research
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Vol. 7, Issue 1, Part J (2025)

महाकुंभ 2025 का समाज पर प्रभाव

Author(s):

प्रभात कुमार ओझा

Abstract:

महाकुंभ, जो हर बारह वर्षों में आयोजित होता है, न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय समाज, संस्कृति, और अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव डालता है। महाकुंभ 2025 का आयोजन हरिद्वार और प्रयागराज में होगा, जहां करोड़ों श्रद्धालु स्नान और आध्यात्मिकता के अनुभव के लिए एकत्रित होंगे। यह आयोजन भारतीय धार्मिक परंपराओं का प्रतीक है, और इसके साथ ही यह सामाजिक एकता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण, और सामाजिक जागरूकता का माध्यम भी बनता है।

महाकुंभ का समाज पर बहुआयामी प्रभाव होता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह भारतीय समाज में सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देता है। लाखों लोग अलग-अलग धर्मों, जातियों और क्षेत्रों से आकर इस आयोजन का हिस्सा बनते हैं। यह आयोजन केवल व्यक्तिगत आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज के व्यापक लाभ के लिए कई सामाजिक मुद्दों जैसे स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, और स्वास्थ्य जागरूकता पर भी प्रकाश डालता है।

सांस्कृतिक दृष्टि से महाकुंभ भारतीय परंपराओं और शास्त्रीय कलाओं के संरक्षण और प्रसार का एक प्रमुख माध्यम है। योग, ध्यान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक प्रवचन समाज को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हैं। इसके अलावा, यह आयोजन स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करता है। छोटे व्यवसाय, पर्यटन, और अस्थायी रोजगार के अवसर महाकुंभ के दौरान बढ़ते हैं, जिससे आर्थिक विकास होता है।

पर्यावरणीय दृष्टिकोण से यह आयोजन गंगा और अन्य जल स्रोतों पर प्रभाव डालता है। हालांकि, महाकुंभ 2025 के लिए सरकार ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की योजना बनाई है, जिसमें प्लास्टिक-मुक्त आयोजन और गंगा सफाई अभियान शामिल हैं। महाकुंभ के आयोजन में भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और स्वास्थ्य जैसे कुछ प्रमुख चुनौतियां भी होती हैं। हालांकि, इन चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटल तकनीकों, बेहतर प्रबंधन, और सरकारी योजनाओं का सहारा लिया जा रहा है। महाकुंभ 2025, भारतीय समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ इसे वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह आयोजन "वसुधैव कुटुंबकम्" के संदेश को सुदृढ़ करता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करता है।

Pages: 781-787  |  70 Views  34 Downloads


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How to cite this article:
प्रभात कुमार ओझा. महाकुंभ 2025 का समाज पर प्रभाव. Int. J. Social Sci. Educ. Res. 2025;7(1):781-787. DOI: 10.33545/26649845.2025.v7.i1j.281
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