अनिता कुर्रे
आज समाज में कार्यकाजी महिलाएं अनेक समस्याओं से जुझते हुये भी अपनी दोहरी जिम्मेदारियों का निर्वाहन सफलतापूर्वक कर रही है। महिलाओं को जहां एक ओर अपने घर परिवार की समस्याओं व जिम्मेदारियों का सामना करना होता है, तो वहीं दूसरी ओर कार्यस्थल की समस्याओं व जिम्मेदारियों का भी। केन्द्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचा कर उनकी आर्थिक विकास करने में आंगनबाड़ी शिक्षिकाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती होगी। इस शोध में महिलाओं के आर्थिक विकास में आंगनबाड़ी शिक्षिकाओं (आं.शि.) की भूमिका का अध्ययन किया गया, इस अध्ययन में छत्तीसगढ राज्य के धमतरी जिला के धमतरी विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र की 100 आंगनबाड़ी शिक्षिकाओं (आं.शि.) एवं शहरी क्षेत्र की 60 आंगनबाड़ी शिक्षिकाओं (आं.शि.) को विषय के रूप में चयन किया गया। अध्ययन करने से पाया गया कि आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं के आर्थिक विकास में आंगनबाड़ी शिक्षिकाओं की भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्र की 72 प्रतिशत व शहरी क्षेत्र की 85 प्रतिशत आंगनबाड़ी शिक्षिकाओं ने स्वीकारा की केन्द्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को जैसे- दीदी बैंक योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वालम्बी मुद्रा लोन योजना, पौन पसारी योजना (स्थानीय बाजार और व्यवसाय को बढ़वा देना), नवा बिहान योजना, महतारी वंदन योजना, सक्षम योजना, आजीवकिा अंगना योजना, महिला स्वसहायता समूह गठन एवं सशक्तिकरण योजना आदि से अपने आंगनबाड़ी क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं तक पहुंचाने से उन महिलाओं का आर्थिक विकास हुआ। जबकि ग्रामीण क्षेत्र की 28 प्रतिशत व शहरी क्षेत्र की 15 प्रतिशत आंगनबाड़ी शिक्षिकाओं ने स्वीकारा कि महिलाओं का आर्थिक विकास नहीं हुआ।
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