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International Journal of Social Science and Education Research
Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 1, Part B (2025)

कामकाजी और गैर-कामकाजी महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन

Author(s):

स्वेता कुमारी, स्मिता कुमारी

Abstract:

विश्व भर में महिलाओं की स्थिति पर सदियों से चर्चा होती आई है, लेकिन 21वीं सदी में महिलाओं की भूमिका में भारी बदलाव देखा गया है। महिलाएं, जो पहले मुख्यतः घरेलू दायित्वों की निर्वाह करने तक सीमित थी, अब विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।इस अध्ययन का उद्देश्य बिहार के नवादा जिला के कामकाजी और गैर-कामकाजी महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का विश्लेषण करना है। प्रस्तुत शोध में प्राथमिक स्त्रोत डेटा संग्रहण पद्धति अर्थात् क्षेत्रीय स्त्रोतों के अन्तर्गत नवादा जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के केवल आयु (25-60 वर्ष), शिक्षित, मध्यम आयवर्ग की कामकाजी और गैर-कामकाजी महिलाओं को सम्मिलित किया गया है। प्रश्नावली की सहायता से 200 कामकाजी और 200 गैर-कामकाजी महिलाओं से साक्षात्कार के माध्यम से  शोध संबंधित जानकारी प्राप्त किया गया। तथ्यों का  निष्पादन, सम्पादन, संकेतन व वर्गीकरण करने के पश्चात् सारणीबद्ध किया गया। तत्पश्चात  तथ्यों  का सांख्यिकीय विश्लेषण हेतु माध्य (M), मानक विचलन (SD), सहविविधतागुणांक (CV), P Value आदि विधियों का प्रयोग किया गया तथा परिकल्पना की सत्यता की जाँच की गयी। शोध में महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में स्पष्ट अंतर देखने को मिलता है। कामकाजी महिलाओं को अधिक आर्थिक स्वतंत्रता, सामाजिक पहचान, और शिक्षा व स्वास्थ्य के बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं। वहीं, गैर-कामकाजी महिलाएं सामाजिक और पारिवारिक भूमिकाओं में सीमित रहती हैं और आर्थिक असुरक्षा का सामना करती हैं। समाज में लैंगिक असमानता को कम करने के लिए महिलाओं को समान आर्थिक और सामाजिक अवसर प्रदान करना आवश्यक है। कामकाजी महिलाओं की तुलना में गैर-कामकाजी महिलाओं में सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता को लेकर अधिक स्थिरता है। कामकाजी महिलाओं में सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता की भिन्नता उनकी कार्यशैली, समय प्रबंधन और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर हो सकती है। वहीं, गैर-कामकाजी महिलाओं में यह भिन्नता कम होने के कारण उनकी सहभागिता के पैटर्न में अधिक समानता पाई जाती है। यह अध्ययन स्पष्ट करता है कि दोनों समूहों की महिलाएं समाज और परिवार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कामकाजी महिलाओं को जहां आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक पहचान मिलती है, वहीं गैर-कामकाजी महिलाओं को पारिवारिक सम्मान मिलता है। लेकिन, दोनों समूहों को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

Pages: 133-138  |  74 Views  22 Downloads


International Journal of Social Science and Education Research
How to cite this article:
स्वेता कुमारी, स्मिता कुमारी. कामकाजी और गैर-कामकाजी महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन. Int. J. Social Sci. Educ. Res. 2025;7(1):133-138. DOI: 10.33545/26649845.2025.v7.i1b.196
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