डॉ0 राजेश कुमार पाण्डेय
प्रस्तुत अध्ययन में यह ज्ञात करने का प्रयत्न किया गया है कि क्या भिन्न अधिगम शैली वाले जनजातीय विद्यार्थियों के मूल्यों में अन्तर होता है। अधिगम शैली व्यवहार का एक प्रतिमान होता है, जिसका प्रयोग व्यक्ति नई चीज सीखने के लिए करता है। अध्ययन में प्रयुक्त अधिगम शैली सूची में सात अधिगम शैलियों का मापन नौ कथनों द्वारा किया गया है। प्रत्येक कथन द्वि-ध्रुवीय है। संबन्धित अधिगम शैली के प्रति विद्यार्थी की वरीयता अधिगम शैली पर प्राप्त कुल प्राप्तांक के आधार पर की गयी है। अधिगम शैली की दृष्टि से भिन्न समूहों वाले जनजातीय विद्यार्थियों के विभिन्न मूल्यों पर प्राप्त अंकों के मध्यमानों की तुलना हेतु टी-अनुपात की गणना की गयी। गैर लचीली अधिगम शैली की तुलना में लचीली अधिगम शैली को वरीयता देने वाले जनजातीय विद्यार्थियों में लोकतंात्रिक, आर्थिक एवं सुखात्मक मूल्य अधिक होते हैं। अवैयक्तिक अधिगम शैली के स्थान पर वैयक्तिक अधिगम शैली को प्रमुखता देने वाले जनजातीय विद्यार्थियों में सुखात्मक, प्रभुत्व व स्वास्थ्य मूल्य अधिक होते हैं जबकि सौन्दर्यात्मक मूल्य कम होते हैं। अन्य मूल्यों के संबन्ध में अन्तर सार्थक नहीं पाया गया। दृश्य अधिगम शैली वाले जनजातीय विद्यार्थियों में श्रव्य अधिगम शैली वाले जनजातीय विद्यार्थियों की अपेक्षा लोकतांत्रिक मूल्य अधिक होते हैं जबकि श्रव्य अधिगम शैली अपनाने वाले जनजातीय विद्यार्थियों में ज्ञानात्मक मूल्य अधिक होता है। अन्य मूल्यों के मध्य अन्तर सार्थक नहीं पाया गया। क्षेत्र आश्रित अधिगम शैली की अपेक्षा क्षेत्र अनाश्रित अधिगम शैली को वरीयता देने वाले जनजातीय विद्यार्थियों के धार्मिक व सामाजिक मूल्य अधिक होते हैं। इसके विपरीत क्षेत्र आश्रित अधिगम शैली वाले जनजातीय विद्यार्थियों में सुखात्मक, प्रभुत्व एवं पारिवारिक प्रतिष्ठा मूल्य अधिक होते हैं। दीर्घ अवधान अधिगम शैली की तुलना में लघु अवधान अधिगम शैली वाले जनजातीय विद्यार्थियों में सामाजिक एवं ज्ञानात्मक मूल्य अधिक पाये जाते हैं जबकि दीर्घ अवधान अधिगम शैली वाले विद्यार्थियों में स्वास्थ्य मूल्य अधिक होते हैं अन्य मूल्यों के संबन्ध में दोनो समूहों में भिन्नता नहीं है। अभिप्रेरणा केन्द्रित अधिगम शैली अपनाने वाले जनजातीय विद्यार्थियों के लोकतांत्रिक व सुखात्मक मूल्य अधिक होते हैं। इसके विपरीत अभिप्रेरणा अकेन्द्रित अधिगम शैली वाले जनजातीय विद्यार्थियों में सामाजिक, पारिवारिक प्रतिष्ठा व स्वास्थ्य मूल्य अधिक होते हैं। सीखने की परिवेश उन्मुख शैली वाले विद्यार्थियों में परिवेश स्वतंत्र अधिगम शैली वाले विद्यार्थियों की अपेक्षा पारिवारिक प्रतिष्ठा मूल्य अधिक होते हैं जबकि परिवेश स्वतंत्र अधिगम शैली को वरीयता देने वाले जनजातीय विद्यार्थियों में सौन्दर्यात्मक मूल्य अधिक होते हैं। अन्य मूल्यों के संबन्ध में दोनो समूह भिन्न नहीं हैं।
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