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International Journal of Social Science and Education Research

Vol. 6, Issue 2, Part C (2024)

भारतीय भाषा संस्कृति और राष्ट्रीय एकता

Author(s):

खुशबू

Abstract:

प्रस्तुत शोध पत्र में भारत की भाषाई और राष्ट्रीय एकता को उद्धृत किया गया है, साथ ही यह भी बताया गया है कि भारतीय भाषाओं का यह विविध स्वरूप भारतीय समाज को समृद्ध बनाता है और विभिन्न सांस्कृतिक तत्वों के मिलने से एक नई पहचान निर्मित होती है| भाषाई एकता को बनाए रखने के कई प्रयास किए गए है, विभिन्न भाषाओँ और बोलियों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सह- अस्तित्व को प्रोत्साहित किया गया है यह एकता भारतीय समाज की विविधता को सम्मानता देती है| भारतीय संविधान ने भाषाई विविधता को सरकारी सम्मान और प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए है | विभिन्न भाषाओं को संविधान में मान्यता दी गई है, और उनकी संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान किए गए है| इस शोध के माध्यम से भारत की भाषाई समस्या को भी उजागर किया गया है भाषा और जातीयता के बीच का संबंध भी एक चुनौती है भाषाओं का उपयोग जातीय पहचान और सामाजिक सामंजस्य में बाधा उत्पन्न कर सकती है| आधुनिक काल में गहरी चोट के बावजूद भाषाओं ने साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| हिन्दी बांग्ला और अन्य भाषाओं ने न केवल साहित्यिक क्षेत्र में, बल्कि राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतन्त्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया |

Pages: 195-200  |  251 Views  111 Downloads


International Journal of Social Science and Education Research
How to cite this article:
खुशबू. भारतीय भाषा संस्कृति और राष्ट्रीय एकता. Int. J. Social Sci. Educ. Res. 2024;6(2):195-200. DOI: 10.33545/26649845.2024.v6.i2c.145
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