पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक भारतीय विचारक समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री, पत्रकार और इतिहासकार थे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्माण में सहायक थे और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बने। दीनदयाल द्वारा स्थापित एकात्म मानव दर्शन की अवधारणा पर आधारित एक राजनीति जीवन भारतीय जनसंघ का एक उत्पाद है। उनके अनुसार एकात्म मानव दर्शन प्रत्येक मानव शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का एक एकीकृत कार्य है। उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत व्यक्तिवाद, लोकतंत्र, समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद जैसी पश्चिमी अवधारणाओं पर निर्भर नहीं हो सकता है। उन्होंने सोचा कि भारतीय प्रतिभा पश्चिमी सिद्धांतों और विचारधाराओं से घुटन महसूस करती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से एक सर्वकालिक और सार्वभौमिक जीवन दर्शन है। दर्शन के अनुसार, मानव पूरे ब्रह्मांड के केंद्र में है, प्रकृति के साथ एकीकरण करता है, परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र और दुनिया के प्रति अपनी बहुपक्षीय जिम्मेदारियों का निर्वहन करते है।
डाॅ. प्रवेश कुमार पाण्डेय, रमन उपाध्याय. पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनीति जीवन. International Journal of Social Science and Education Research, Volume 2, Issue 1, 2020, Pages 22-26