डॉ. राजीव कुमार साह
आदिवासी महिलाओं का शहरीकरण और सामाजिक परिवर्तन भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। इस अध्ययन का उद्देश्य शहरीकरण के प्रभावों को समझना है, जो आदिवासी महिलाओं के जीवन पर पड़ते हैं। शहरीकरण ने उनके पारंपरिक जीवनशैली में बदलाव लाया है, जिससे उनका सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक परिवेश प्रभावित हुआ है। शहरी इलाकों में रोजगार, शिक्षा, और सामाजिक सुरक्षा की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध हैं, लेकिन इसके साथ-साथ इन महिलाओं को कई नई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। उनका पारंपरिक समुदाय से अलग होना, शहरी समाज में समायोजन के लिए संघर्ष, और सामाजिक भेदभाव के अनुभव इन समस्याओं में शामिल हैं। अध्ययन से यह भी स्पष्ट होता है कि शहरीकरण ने आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के अवसर प्रदान किए हैं, लेकिन साथ ही वे अपनी सांस्कृतिक पहचान और पारंपरिक ज्ञान को भी बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं। यह अध्ययन सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को समझने और आदिवासी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बेहतर नीति निर्माण की दिशा में योगदान करता है।
Pages: 38-43 | 23 Views 8 Downloads